जो मंत्र तुलसीदास जी ने छिपाया वह मंत्र गरीबदास जी ने उजागर किया अपने ग्रन्थ में 👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼👏🏼 जो मंत्र शिव ने जाप किया वही मंत्र #पार्वती को उपदेश किया सहस नाम सम सुनी शिव बानी जपि जेई पिय संग भवानी "रामचरित मानस,, "सुरती निरति मन पवन परि सोहम सोहम होई शिव मंत्र गोरिज कहा अमर भई है सोई "गरीबदास जी की वाणी,,
👉त्रेतायुग में #रामसेतु निर्माण मुनींद्र जी की कृपा से ही हुई थी। जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है । 👉जीवा - तत्वा को नर्मदा तापु भुरूच गुजरात में #कबीरवड है ,जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है । 👉पुरी , उड़िसा में #कबीरचौरा है जहां पर बैठ कर समुद्र को रूका था कबीर साहेब जी ने और जगन्नाथ मंदिर में मुर्ति कबीर साहेब जी ने बनाई। जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है । 👉 द्वारिका में #कबीरकाठा है , जहां पर बैठ कर कबीर साहेब तीर्थयात्रीओ को तत्वज्ञान समझाते थे। जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है । 👉 लहरतारा_तालाब #कबीर_प्रकाश_धाम जहां पर सन् 1398 कोकबीर साहेब का सशरीर सतलोक से प्रकट हुए थे । जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है । 👉यरूशलेम के गार्डन टॉम्ब को यीशु की #खाली_कब्र हैं , जहां पर कबीर साहेब जी ने यीशु मसीह को जिंदा की । जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है । 👉#लाल_सागर के दो भागों में विभक्त कर मूसा और यहुदियों को पार किए ।जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है 👉 #आमी_नदी को प्रकट किए मगहर उत्तर प्रदेश में । जों सर्वविदित इतिहासिक तथ्य है । 👉 मक्का #काबा जहां बैठकर कबीर साहेब जी ने शिव पुजारी अब्राहम...
प्रश्न - आत्मा क्या है ? उत्तर - आत्मा एक तत्व (नूर तत्व) से बनी है जो पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब जी का अंश है। आत्मा भी कबीर परमेश्वर की तरह अविनाशी गुण युक्त है। इसका वास्तविक नूर 16 सूर्य के प्रकाश तुल्य है। इसको अग्नि, पानी, तलवार इत्यादि से नष्ट नहीं किया जा सकता है। जबकि शरीर पांच तत्वों से बना है। अंत में राख/मिट्टी होकर पांच तत्वों में विलीन हो जाता है। प्रश्न - मृत्यु के बाद क्या होता है? उत्तर - भक्ति नहीं करने वाले व शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने वाले, नकली गुरु बनाने वाले एवं पाप अपराध करने वालों को मृत्यु पश्चात् यमदूत घसीटकर ले जाते हैं और नरक में भयंकर यातनाएं देते हैं। तत्पश्चात् 84 लाख कष्टदायक योनियों में जन्म मिलता है। तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
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